|| अथ शब्दरूपावलिः ||
|| भागः १ ||
दश पुंसि नायकाः |
रामो हरिः करी भूभृद् भानुः कर्ता च चन्द्रमाः |
तस्थिवान् भगवानात्मा दशैते पुंसि नायकाः || १ ||
१. अदन्तः 'राम' शब्दः |
२. इदन्तः 'हरि' शब्दः |
३. उदन्तः 'भानु' शब्दः |
४. ऋदन्तः 'कर्तृ ; शब्दः |
५. अन्नन्तः 'आत्मन्' शब्दः |
६. इन्नन्तः 'करिन्' शब्दः |
७. तकारान्तः 'भूभृत्' शब्दः |
८. वत्-प्रत्ययान्तः 'भगवत्' शब्दः |
९. वस्-प्रत्ययान्तः 'तस्थिवस्' शब्दः |
१०. सकारान्तः 'चन्द्रमस् ' शब्दः |
१. अदन्तः 'राम' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
रामः | रामौ | रामाः | प्रथमा |
रामम् | रामौ | रामान् | द्वितीया |
रामेण | रामाभ्याम् | रामैः | तृतीया |
रामाय | रामाभ्याम् | रामेभ्यः | चतुर्थी |
रामात् | रामाभ्याम् | रामेभ्यः | पञ्चमी |
रामस्य | रामयोः | रामाणाम् | षष्ठी |
रामे | रामयोः | रामेषु | सप्तमी |
राम | रामौ | रामाः | सम्बोधनम् |
२. इदन्तः 'हरि' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
हरिः | हरी | हरयः | प्रथमा |
हरे | हरी | हरयः | द्वितीया |
हरिम् | हरी | हरीन् | तृतीया |
हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः | चतुर्थी |
हरये | हरिभ्याम् | हरिभ्यः | पञ्चमी |
हरेः | हरिभ्याम् | हरिभ्यः | षष्ठी |
हरेः | हर्योः | हरीणाम् | सप्तमी |
हरौ | हर्योः | हरिषु | सम्बोधनम् |
३. उदन्तः 'भानु' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
भानुः | भानू | भानवः | प्रथमा |
भानुम् | भानू | भानून् | द्वितीया |
भानुना | भानुभ्याम् | भानुभिः | तृतीया |
भानवे | भानुभ्याम् | भानुभ्यः | चतुर्थी |
भानोः | भानुभ्याम् | भानुभ्यः | पञ्चमी |
भानोः | भान्वोः | भानूनाम् | षष्ठी |
भानौ | भान्वोः | भानुषु | सप्तमी |
भानो | भानू | भानवः | सम्बोधनम् |
४. ऋदन्तः 'कर्तृ ; शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
कर्ता | कर्तारौ | कर्तारः | प्रथमा |
कर्तारम् | कर्तारौ | कर्तॄन् | द्वितीया |
कर्त्रा | कर्तृभ्याम् | कर्तृभिः | तृतीया |
कर्त्रे | कर्तृभ्याम् | कर्तृभ्यः | चतुर्थी |
कर्तुः | कर्तृभ्याम् | कर्तृभ्यः | पञ्चमी |
कर्तुः | कर्त्रोः | कर्तॄणाम् | षष्ठी |
कर्तरि | कर्त्रोः | कर्तृषु | सप्तमी |
कर्तः | कर्तारौ | कर्तारः | सम्बोधनम् |
५. अन्नन्तः 'आत्मन्' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
आत्मा | आत्मानौ | आत्मानः | प्रथमा |
आत्मानम् | आत्मानौ | आत्मनः | द्वितीया |
आत्मना | आत्मभ्याम् | आत्मभिः | तृतीया |
आत्मने | आत्मभ्याम् | आत्मभ्यः | चतुर्थी |
आत्मनः | आत्मभ्याम् | आत्मभ्यः | पञ्चमी |
आत्मनः | आत्मनोः | आत्मनाम् | षष्ठी |
आत्मनि | आत्मनोः | आत्मसु | सप्तमी |
आत्मन् | आत्मानौ | आत्मानः | सम्बोधनम् |
६. इन्नन्तः 'करिन्' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
करी | करिणौ | करिणः | प्रथमा |
करिणम् | करिणौ | करिणः | द्वितीया |
करिणा | करिभ्याम् | करिभिः | तृतीया |
करिणे | करिभ्याम् | करिभ्यः | चतुर्थी |
करिणः | करिभ्याम् | करिभ्यः | पञ्चमी |
करिणः | करिणोः | करिणाम् | षष्ठी |
करिणि | करिणोः | करिषु | सप्तमी |
करिन् | करिणौ | करिणः | सम्बोधनम् |
७. तकारान्तः 'भूभृत्' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
भूभृत् | भूभृदौ | भूभृदः | प्रथमा |
भूभृदम् | भूभृदौ | भूभृदः | द्वितीया |
भूभृदा | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भिः | तृतीया |
भूभृदे | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भ्यः | चतुर्थी |
भूभृदः | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भ्यः | पञ्चमी |
भूभृदः | भूभृदोः | भूभृदाम् | षष्ठी |
भूभृदि | भूभृदोः | भूभृत्सु | सप्तमी |
भूभृत् | भूभृदौ | भूभृदः | सम्बोधनम् |
८. वत्-प्रत्ययान्तः 'भगवत्' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
भगवान् | भगवन्तौ | भगवन्तः | प्रथमा |
भगवन्तम् | भगवन्तौ | भगवतः | द्वितीया |
भगवता | भगवद्भ्याम् | भगवद्भिः | तृतीया |
भगवते | भगवद्भ्याम् | भगवद्भ्यः | चतुर्थी |
भगवतः | भगवद्भ्याम् | भगवद्भ्यः | पञ्चमी |
भगवतः | भगवतोः | भगवताम् | षष्ठी |
भगवति | भगवतोः | भगवत्सु | सप्तमी |
भगवन् | भगवन्तौ | भगवन्तः | सम्बोधनम् |
९. वस्-प्रत्ययान्तः 'तस्थिवस्' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
तस्थिवान् | तस्थिवांसौ | तस्थिवांसः | प्रथमा |
तस्थिवांसम् | तस्थिवांसौ | तस्थुषः | द्वितीया |
तस्थुषा | तस्थिवद्भ्याम् | तस्थिवद्भिः | तृतीया |
तस्थुषे | तस्थिवद्भ्याम् | तस्थिवद्भ्यः | चतुर्थी |
तस्थुषः | तस्थिवद्भ्याम् | तस्थिवद्भ्यः | पञ्चमी |
तस्थुषः | तस्थुषोः | तस्थुषाम् | षष्ठी |
तस्थुषि | तस्थुषोः | तस्थिवत्सु | सप्तमी |
तस्थिवन् | तस्थिवांसौ | तस्थिवांसः | सम्बोधनम् |
१०. सकारान्तः 'चन्द्रमस् ' शब्दः |
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
चन्द्रमाः | चन्द्रमसौ | चन्द्रमसः | प्रथमा |
चन्द्रमसम् | चन्द्रमसौ | चन्द्रमसः | द्वितीया |
चन्द्रमसा | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभिः | तृतीया |
चन्द्रमसे | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभ्यः | चतुर्थी |
चन्द्रमसः | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभ्यः | पञ्चमी |
चन्द्रमसः | चन्द्रमसोः | चन्द्रमसाम् | षष्ठी |
चन्द्रमसि | चन्द्रमसोः | चन्द्रमःसु | सप्तमी |
चन्द्रमः | चन्द्रमसौ | चन्द्रमसः | सम्बोधनम् |
हरि शब्दस्य रूपाणि सम्यक् नास्ति. संबोधन रूपाणि द्वितेये लिखिता: subsequently dvitiya to saptami have been written in tritiya to sambodhan. Please rectify. Not seen other words so far.
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